अगर चल सकते हो तो चलो मेरे साथ
इन हवाओं से आगे इस जहाँ से आगे
आकाश की चादर को उस कोने से उतार कर
तुम्हारे क़दमों के नीचे डाल दिया है
सूरज की तपती गर्मी न सताए इसलिए
कुछ देर को कोठरी में डाल दिया है
चाँद तारे बिछ गए हैं राहों में
सारे नज़ारे सिमट गए हें बाँहों में
ये सफ़र बेहद खूबसूरत होगा
उस मंजिल की जरूरत होगा
अधखुली आँखों के आगे जो
हलकी रौशनी टिमटिमा रही है
आते जाते कितने ही असंख्य
दीयों को एक साथ जला रही है
आगे चलकर देखो चमन के फूलों
ने अपनी भीनी महक से फिजाओं
को बहका कर होश जो उडाये हैं
इन सुंदर तितलियों के मखमली
पंखों को छूकर कुछ रंग
मेरी भी हथेली में आये हैं
इन से अहसासों का रंग
और गहरा हो रहा है
मन में उठते विचित्र भावों पर
हल्का सा पहरा हो रहा है
तुम देखते हो बादलों के मध्य
कितने सितार बज रहे हैं
जहाँ तक नजर जाती है
ये सारे मनोरम दृश्य सज रहे हैं
तुम अपना हाथ आगे बढाओ
इनका हल्का सा स्पर्श पाओ
इन सब के साथ मिलकर
एक नया जहाँ बसाओ
इस छोर से उस अर्श तक
सब तुम्हारे हैं
ये बादल झीलें महकती कलियाँ
चाहे चाँद तारे हैं
बस अब मुझे वापिस जाना होगा
उस जगह जहाँ राह न मंजिल
का ठिकाना होगा
ये सब कुछ भी न होगा अब
कंटीली झाड़ियों और पथरीले
रास्तों का संगम होगा बस
पैरों में फफोले पड़ेंगे फिर भी
आग का दरिया पार करना होगा
मुझे ये सफ़र अकेले तय करना होगा
फिर आऊंगी तुम्हें इस मोड़ से आगे ले जाने
फिर एक नयी सुबह एक नया सपना
एक और खूबसूरत दुनिया दिखाने